गंगा नदी डोल्फिन
दोस्तों अगर आप सभी लोग भारत की राष्ट्रीय मछली के बारे में जानने आए है तो इसे पुरा जरुर पढ़ना क्योंकि इस ब्लॉग पोस्ट में हमने भारत की राष्ट्रीय मछली के बारे में छोटी सी छोटी जानकारी देने की पूरी कोशिश की है। तो आइए अब पढ़ते हैं ब्लॉग को।
दोस्तों आप सभी को बताऊं तो भारत की राष्ट्रीय जलीय जीव बनने से पहले इस मछली का हाल बहुत ही बुरा था, और दोस्तों ऐसा में नहीं कह रहा साल 1996 में इंटरनेशनल युनियन ऑफ कंजरवेशन ऑफ नेचर ने इस डोल्फिन को विलुप्त प्राय जीवो की सूची में शामिल किया था। तो आप सभी लोग समझ सकते हैं की यह मामला कितना गंभीर था।
वो तो भला हो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिन्होंने गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की एक बैठक में इस गंगा नदी डोल्फिन को भारत की राष्ट्रीय जलीय जीव बनाने का सुझाव भारत सरकार के समक्ष रखा, और इस प्रस्ताव को मानते हुए भारत सरकार ने 5 अक्टूबर 2009 को गंगा नदी डोल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव बना दिया नहीं तो दोस्तों 5 अक्टूबर 2009 के पहले तक भारत की कोई भी राष्ट्रीय जलीय जीव नहीं थी।
दोस्तों आइए अब बात करते हैं की आखिरकार गंगा नदी डोल्फिन का अस्तित्व खतरे में क्यों था। तो दोस्तों ये जो गंगा नदी डोल्फिन है यह मुख्यत्व इसका शिकार तेल बनाने के लिए किया जाता है, जिसका उपयोग अन्य मछलीयो के पकड़ने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
दोस्तों आज के समय में गंगा नदी डोल्फिन संख्या भारत में 2000 से भी कम रह गईं हैं। तो दोस्तों आप सभी लोग समझ सकते है की आखिरकार गंगा नदी डोल्फिन का अस्तित्व क्यों खतरे में था। अब दोस्तों आइए इस मछली का संबंध भारत से कितना पुराना है इसके बारे में जानते हैं। दोस्तों भारत में यह मछली आप सभी को सिर्फ उत्तर प्रदेश के नरोरा और बिहार के पटना साहिब के थोड़े क्षेत्रों में ही अब ये पाई जाती है।
दोस्तों इस मछली का संबंध भारत से इतना पुराना है की आप सभी लोग सोच भी नहीं सकते यह " गंगा नदी डोल्फिन " आज से 10 करोड़ साल पहले भी भारत में मोजूद थी तो दोस्तों आप सभी लोग समझ सकते हैं, की इसका संबंध भारत से कितना पुराना है।
दोस्तों इस डोल्फिन का साथ भारत से इतना पुराना है की भारत के महान सम्राट अशोक ने भी इस मछली के संरक्षण के लिए कई सारे कदम उठाए थे। तो दोस्तों आप सभी समझ सकते हैं की महान सम्राट अशोक ने इस मछली का कितना महत्व है।
अब दोस्तों आइए इस मछली के बारे में जानने है। दोस्तों हम जिस मछली के बारे में बात कर रहे हैं। वह मछली थोड़ी बदनसीब है, भारत की राष्ट्रीय जलीय जीव की आंखे नहीं होती यह जीव नेत्रहीन होती है। लेकिन जहां कुदरत ने इसे किसी चीज से अलग किया है तो उसके सामने दो अदभूत क्षमताओं से भी नवाजा है। इस जीव की सुनने की शक्ति और सूंघ ने शक्ति बहुत ही जबरदस्त होती है। यह जलीय जीव इन क्षमताओं की मदद से ही शिकार व भोजन की तलाश करती है। दोस्तों इस जलीय जीव की औसत आयु 28 वर्ष होती है। दोस्तों अगर सही मायने में कहा जाए तो यह एक मछली नहीं है, यह एक स्तनधारी जीव है। दोस्तों अब मुझे ऐसा लग रहा है की आप सभी लोगो को भारत के राष्ट्रीय जलीय जीव के बारे में ज्यादा नहीं तो थोड़ा बहुत तो जानने को मिल ही गया होगा।
अब दोस्तों आइए बात करते हैं की आखिरकार भारत सरकार इस भारत के राष्ट्रीय जलीय जीव को बचाने के लिए क्या कदम उठा रही है।
गंगा नदी में डोल्फिनो की संख्या को बढ़ाने के लिए " मिशन किलन गंगा " एक प्रमुख आधार है। और दोस्तों यह इस लिए भी जरूरी है क्योंकि यह जीव भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव है, और जहां राष्ट्र की बात होती है, वहा सभी कार्यवाहीया अच्छे से की जाती है ऐसा देखा गया है।
दोस्तों उस समय जब इस जलीय जीव को राष्ट्र का जलीय जीव धोषित किया गया था। उस समय भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे, और पर्यावरण एवं वन मंत्री जयराम रमेश थे। दोस्तों उन्होंने एक बात कहीं थी। जिसके बारे में आप सभी को जानना चाहिए।
दोस्तों उन्होंने कहा था " जिस तरह बाघ जंगल की सेहत का प्रतीक है, उसी प्रकार डॉल्फिन गंगा नदी के स्वास्थ्य की निशानी है। "
दोस्तों हमने कई सारी बायोग्राफी और जनरल नॉलेज से संबंधित पोस्ट अपने ब्लॉग पर लिखी है। आप उन्हें भी cheak out कर सकते हैं।
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